भगवान का पता।#




लोग खोजते फिरते भगवन को भगवान तेरे घर में है ।
लोग खोजते 
फिरते भगवान को भगवान तेरे घर में है। ना मंदिर में ना मस्जिद में वह तो तेरे अंदर है ।
लोग खोजते फिरते भगवान को भगवान तो तेरे घर में है।
 ना मंदिर में ना मस्जिद में वह तो तेरे अंदर है ।

भगवन खोजने से क्या फायदा ? भगवन खोजने से क्या फायदा तू ही तो गलत राह पर है ।
ज्ञान अगर आप आ जाओ तो, भगवन तेरे मन में है।टीका लगाकर झोंटा बढ़ाकर, अपने को भूतनाथ बनाकर धोया नहीं अपने मलिन विचारों को,
पाप तो तेरे हर दम में है ।
जहां जाओ भगवान तुम्हारे संग में है।ऐ दुनिया के ज्ञानी-प्राणी भगवन का पता बताने में  वह ठग विद्या अपनाता है ।ऐ दुनिया के ज्ञानी-प्राणी भगवन का पता बताने में वह ठग विद्या अपनाता है। जो गरीब की भलाई करे,भगवान का भक्त कहलाता है।गली-गली खोजते फिरते हो ,भगवान के आस में ,वह तो तेरे पास में है।लोग खोजते-फिरते भगवन भगवान तेरे घर में है।
 ना मंदिर में ना मस्जिद में वह तो तेरे अंदर है।

(स्वरचित-भगवान का पता।आशुतोष कुमार)

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