आदरणीय बीईईओ साहब को अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि।

आदरणीय BEEO साहब को अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि।


"तुम मुझे यूँ भुला न पाओगे।जब कभी भी, सुनोगे गीत मेरे,संग-संग तुम भी गुन गुनाओगे।तुम मुझे यूँ…………...।"


27 जुलाई 2020 की शाम व्हाट्सएप पर अचानक से मैसेज आया कि BEEO साहब(कसमार,बोकारो) श्री राम नारायण साह जी की कसमार प्रखंड के बहादुरपुर के पास अपने घर के लिए सब्जी लेकर सड़क पार करते हुए दुर्घटना में सर से चोटिल हो गए हैं। आगे यह भी लिखा था कि सर पर चोट काफी गंभीर है और काफी खून भी निकल रहा है । जैसे-तैसे उनको बीजीएच( बोकारो जनरल हॉस्पिटल) में भर्ती कराया गया और इलाज शुरू हुआ । हॉस्पिटल के बाहर उनके चाहने वालों की भीड़ लग गई। उनकी फैमिली जो जमशेदपुर में रहती थे, रात 11:30 बजे वे भी पहुँच चुके थे।उनकी नाजुक स्थिति को देखते हुए दूसरे ही दिन उनको राँची के मेडिका हॉस्पिटल के लिए रेफर कर दिया गया और आज दिनांक 31 जुलाई 2020 तड़के सुबह एक बुरा समाचार मिला कि 2:30 बजे सुबह में उन्होंने अंतिम साँस ली। अब वह इस दुनिया में हमारे बीच नहीं रहे । हम सभी का मन काफी भारी हो गया,मन रो उठा।आखिर कर भी क्या सकते थे ? उनके जीवन के लिए हम सभी ने ईश्वर से दुआएँ माँगी थी। उनके जीवन के लिए प्रार्थनाएँ की थी। परंतु कहा जाता है समय का लेखा कौन मिटा सकता है?मन में एक टीस बाकी रह गयी कि शायद कहीं और इलाज कराने ले जाने पर उनका जीवन बचाया जा सकता था।लेकिन यह सब सोचना हमारे मन में उनके प्रति आदर का भाव दिखाता है।सत्य यही है कि अब वह हमारे बीच भौतिक रूप से नहीं हैं।उनके प्रति हमारी सच्ची   श्रद्धांजलि 💐 यही होगी कि उनकी सीख व प्रोत्साहन को अपने मन-वचन-कर्म में बनाए रखें!उनके जाने से आज हम सभी दुखी हैं।इस दुःख की घड़ी में हम सभी उनके परिवार के साथ हैं।

यदि उनके व्यक्तित्व की बात करें तो मैं व्यक्तिगत रूप से उनको ज्यादा नहीं जानता था, परंतु कसमार में हमारे प्रशासक के रूप में आने के बाद हम सब ने उनको जाना-समझा-महसूस किया कि वह एक सक्रिय प्रशासक थे।सरल थे। सभी की समस्या को सुनते थे। मेहनती लोगों को दिल से पसंद करते थे । जीवन सादा था । पहनावा भी सादा था। वाणी में कोई लाग लपेट नहीं था । कुशल नेतृत्वकर्ता थे।व्यवहार-कुशल थे।


जब भी किसी स्कूल में उनका आगमन होता था,तो वह बच्चों के क्लास में जाकर उनको पढ़ाया करते थे।बच्चों से सवाल-जवाब किया करते थे। यह गुण बहुत ही कम प्रशासकों में देखा जाता है । वह काफी विद्वान व्यक्तित्व थे।खुद सीखने में भी पीछे नहीं रहते थे और सिखाने में भी आगे रहते थे। हिंदी और मुख्यतः गणित विषय के बहुत सारे टॉपिक्स को वह बड़े ही सरल व नये तरीके से सिखाते थे।

हम शिक्षकों को भी हमेशा कुछ नया सीखने को प्रोत्साहित करते रहते थे ।इससे पूर्व वह जमशेदपुर में पदस्थापित थे।कुल मिलाकर प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी के रूप में हमारे प्रशासक के रूप में कसमार में उनका कार्यकाल बहुत अच्छा रहा।

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उनका जाना हम सभी के लिए एक अपूरणीय क्षति है । सर आप हमेशा हमारे दिलों में रहेंगे ! ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें और इस अपार दुःख की घड़ी में भगवान उनके परिवार को दुःख सहने की शक्ति प्रदान करें !ॐ शांति !😢👏💐


#सीख-कृपया अपना ख्याल रखें !सड़क पार करते समय बहुत ही सावधान रहें ! गाड़ी चलाते समय बिल्कुल भी ध्यान दूसरी जगह न रखें ! हमेशा गाड़ी चलाते समय हेलमेट पहनें ! इससे आपकी जान बचेगी क्योंकि घर पर आपका कोई इंतजार कर रहा है।

गाड़ी आराम से चलाएँ इससे खुद के साथ-साथ आप दूसरों की भी जान बचा सकते हैं।सावधानी बरतें-सावधानी बरतें !👍

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