"माँ तुम्हारा ऋण बहुत है, मैं अकिंचन,किंतु इतना कर रहा फिर भी निवेदन। थाल में लाऊँ सजाकर भाल जब भी, कर दया स्वीकार लेना वह समर्पण।।" प्रस्तावना- इन पंक्तियों को अपने जीवन में सिद्ध करने वाले और अपने देश की आजादी के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाले मां भारती के वीर सपूत चंद्रशेखर आजाद को उनकी जयंती पर श्रद्धा पूर्वक नमन ! 👏💐 तो बच्चों ! क्या ऐसे वीर सपूत के बारे में आपके मन में जानने की इच्छा नहीं है ? क्या हम अपने इतिहास को भूल जाएँ ? बिल्कुल नहीं ! तो चलिए ! आज संक्षेप में जानते हैं,भारत माँ के वीर सपूत,अमर क्रांतिकारी,शहीद चंद्रशेखर आजाद जी के बारे में । प्रारंभिक जीवन- चंद्रशेखर आजाद का जन्म 23 जुलाई,1906 को मध्य प्रदेश के अलीराजपुर जिला के भाबरा गांव में हुआ था । उनके पिताजी का नाम सीताराम तिवारी और माता जगरानी देवी था। 14 वर्ष की आयु में बनारस में एक संस्कृत पाठशाला में पढ़ाई की और गांधीजी के असहयोग आंदोलन जो 1920-21 में चल रहा था, उसमें शामिल हुए और गिरफ्तार होकर जेल पहुंचे । अदालत में जज के सामने प्रस्तुत किया गया तो अपने पिताजी का नाम "स्वतंत्रता" को, ...